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बलूनी हॉस्पिटल के निदेशक जाने-माने गेस्ट्रो फिजीशियन/ सर्जन डॉ उदय शंकर बलूनी से जानते हैं मानसून में पेट से जुड़ी बीमारियों से कैसे बचें..?

मानसून में बार-बार पाचन से जुड़ी दिक्कत होती है, तो एक बार डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें- डॉ उदय शंकर बलूनी

देहरादून।  मॉनसून सीजन में कुछ बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है। इन दिनों जहां सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले बढ़ जाते हैं वहीं, पेट से जुड़ी शिकायतें लेकर भी मरीज इन दिनों अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमें पेट के इन्फेक्शन या स्टमक इंफेक्शन के मामले भी काफी अधिक देखने को मिल रहे हैं। पेट का इंफेक्शन एक कॉमन समस्या है और इसके कई कारण होते हैं। लेकिन, बरसात के मौसम में पेट का इंफेक्शन बढ़ने का खतरा बढ़ने लगता है। बरसात के दिनों में पेट के इंफेक्शन को नजरअंदाज करना ठीक नहीं क्योंकि य़ह फूड पॉयजनिंग से जुड़ा हुआ हो सकता है। देशभर में बढ़ रहे पेट के इन्फेक्शन के मामलों को लेकर देहरादून के जोगीवाला चौक, रिंग रोड़ स्थित बलूनी हॉस्पिटल के निदेशक राज्य के जाने-माने गेस्ट्रो सर्जन डॉ उदय शंकर बलूनी ने बताया कि इस समय पूरे देशभर में मौसमी बीमारियों से लोग पीड़ित है। बरसात के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक हो जाता है। ऐसे मौसम में हम लोग कोशिश करते हैं कि ऑपरेशन न करें। बहुत इमरजेंसी आने पर ही हम इस मौसम में ऑपरेशन कराने की सलाह देते हैं।

गेस्ट्रो सर्जन डॉ उदय शंकर बलूनी ने बताया कि मानसून में हम सभी को तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान त्वचा और आंखों से जुड़ी समस्याओं के साथ ही पेट से संबंधित दिक्कतें भी परेशान करती हैं। दरअसल, मानसून के दौरान बैक्टीरिया और वायरस का खतरा बढ़ जाता है। ये बैक्टीरिया सीधे आंतों और पाचन-तंत्र पर अटैक करते हैं। इनकी वजह से लोगों में पेट से जुड़ी तरह-तरह की समस्याएं होने लगती हैं। साथ ही, जो लोग मानसून में फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन ज्यादा करते हैं, उनमें पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। यानी मानसून में पेट से संबंधित दिक्कतें होने का जोखिम बढ़ जाता है।

मानसून में बढ़ जाता है पेट से जुड़ी इन समस्याओं का जोखिम………..

1. स्टमक फ्लू
स्टमक फ्लू को गैस्ट्रोएंटेराइटिस के रूप में भी जाना जाता है। मानसून में स्टमक फ्लू होना एक बेहद आम समस्या है। दरअसल, मानसून में पानी और खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो पेट में इंफेक्शन या स्टमक फ्लू का कारण बनते हैं। यह समस्या पाचन से जुड़ी होती है, जिसकी वजह से आपको पेट में ऐंठन और दस्त जैसे लक्षणों नजर आते हैं। स्टमक फ्लू होने पर आपको सिरदर्द और उल्टी की दिक्कत भी हो सकती है। बच्चों में स्टमक फ्लू होने का जोखिम अधिक होता है।

2. पेट में गैस और अपच
मानसून में पेट में गैस और अपच जैसी समस्याएं होना भी बेहद आम है। मानसून में बैक्टीरिया बढ़ने की वजह से पाचन-तंत्र कमजोर होने लगता है। साथ ही, इस मौसम में लोगों को फास्ट फूड और जंक फूड खाना ज्यादा पसंद होता है। इसका असर पाचन-तंत्र पर पड़ता है, जिससे गैस और अपच जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए अगर आप मानसून में अक्सर ही गैस और अपच की दिक्कत रहती है, तो अपनी डाइट का खास ख्याल रखें।

3. पेट में मरोड़ होना
मानसून में खराब खान-पान और लाइफस्टाइल की वजह से पेट में मरोड़ जैसी दिक्कत भी हो सकती है। दरअसल, इस मौसम में अक्सर लोग ज्यादा ऑयली खाने का सेवन करते हैं। तले-भुने खाने को शरीर डाइजेस्ट नहीं कर पाता है। इससे पेट में गैस और कब्ज की दिक्कत होने लगती है। जब कब्ज की वजह से पेट सही से साफ नहीं होता है, तो पेट में मरोड़ जैसी दिक्कत हो सकती है। इसकी वजह से आपको पेट के ऊपरी हिस्से में भी दर्द का अहसास हो सकता है।

4. भूख कम लगना
आपको लग रहा होगा कि भूख कम लगना, पेट से जुड़ी दिक्कत कैसे हो सकती है। लेकिन यह पाचन से ही जुड़ा होता है। जब पाचन-तंत्र कमजोर होने लगता है, तो भूख कम लग सकती है। मानसून में ज्यादातर लोगों को भूख कम लगती है। जब आप पर्याप्त मात्रा में नहीं खाते हैं, तो इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और कमजोरी आने लगती है।

5. डायरिया की समस्या होना
मानसून में कई लोगों को डायरिया या दस्त की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। इस मौसम में कई वायरस और बैक्टीरिया होते हैं, जो सीधा पाचन-तंत्र को प्रभावित करते हैं। इसकी वजह से डायरिया की समस्या हो सकती है। अस्वस्थ भोजन खाने से आपको डायरिया की दिक्कत हो सकती है। इसके साथ ही, अस्वस्थ पानी पीना भी डायरिया का कारण बन सकता है।

मानसून में पेट की समस्याओं से कैसे बचें?
गेस्ट्रो सर्जन डॉ उदय शंकर बलूनी ने बताया कि मानसून में पेट से जुड़ी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं। ऐसे में आप बचाव के लिए कुछ टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। मानसून में आपको रेहड़ी-पटरी से खाने से बचना चाहिए। इस मौसम में घर का बना खाना हेल्दी होता है। मानसून में इम्यूनिटी बढ़ाएं। इस मौसम में गंदा और अस्वस्थ पानी पीने से बचें। फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। कोई भी मील स्किप न करें। समय-समय पर खाना खाते रहें। अगर मानसून में बार-बार पाचन से जुड़ी दिक्कत होती है, तो एक बार डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।

पेट में इंफेक्शन होने के कारण क्या हैं?
मॉनसून के दिनों में बरसात के पानी के सम्पर्क में आने से खाने-पीने की चीजें प्रदूषित हो जाती हैं। दूषित खाना और पीने के पानी के साथ वायरस, बैक्टेरिया और कीटाणु पेट में पहुंच जाते हैं और आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे स्टमक फ्लू और इंफेक्शन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

पेट में इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
पेट में इंफेक्शन होने पर मरीजों को इस तरह की समस्याएं लक्षण के तौर पर दिखायी दे सकते हैं-
बार-बार उल्टी होना (Vomiting)
जी मिचलाना (Nausea)
बुखार (Fever)
डायरिया (diarrhea)
पेट में दर्द या ऐंठन (Stomach cramps)
आंतों से जुड़ी समस्याएं

इंफेक्शन से बचने के लिए करें ये उपाय
बाहर का खाना बिल्कुल भी ना खाएं। सड़क किनारे बिकने वाले फूड्स को खाने से बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है। हाइजीन का विशेष ध्‍यान रखें। उल्टी, बुखार, दस्त, पेट में दर्द जैसी समस्याएं होने पर मरीज कोओआरएस (ORS) का घोल पिलाएं।

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